मुकदमे दर्ज कर जनता की आवाज दबाने की कोशिश में लगी है प्रदेश सरकार - गोपाल भार्गव

भोपाल। मध्य प्रदेश में यूरिया की किल्लत को लेकर रोजाना प्रदर्शन, चक्काजाम और किसान सड़कों पर उतर रहे हैं। परेशान किसान यूरिया के लिए लंबी कतार में लगा है। किसानों के यूरिया प्रबंधन में कमलनाथ सरकार पूरी तरह विफल साबित हुई है। प्रदेश सरकार किसानों की सुध नही ले रही और जो जनप्रतिनिधि किसानों की आवाज उठा रहे है। उन पर मुकदमे दर्ज कर आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी पूरी ताकत के साथ किसानों की लड़ाई लड़ेगी। यह बात यह बात नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने सागर में पुलिस द्वारा भाजपा विधायक प्रदीप लारिया सहित 15 किसानों पर यूरिया के लिए प्रदर्शन करने पर मुकदमा दर्ज किये जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही। 



मंगलवार को सागर में यूरिया गोदाम पर बड़ी संख्या में किसानों की लंबी लाइन लगी लेकिन उन्हें किसानों को यूरिया नहीं मिल पाया। किसानों की समस्या को लेकर क्षेत्रीय विधायक प्रदीप लारिया मौके पर पहुंचे तो पुलिस ने विधायक लारिया और 15 किसानों पर केस दर्ज कर लिया। नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव ने पुलिस की इस कार्रवाई की कड़े शब्दों में निंदा की है।


मुख्यमंत्री बताएं किसानों को यूरिया के बदले लाठियां क्यों मिल रही
भार्गव ने कहा प्रदेश में किसान त्राहिमाम कर रहा है। सरकार के जिम्मेदार लोग झूठे आश्वासन दे रहे है। मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी दावे कर रहे है कि यूरिया का संकट नही है। किसानों को परेशानी नही है। तो फिर मुख्यमंत्री जी आप बताएं किसानों को यूरिया के बदले लाठियां क्यों मिल रही है? क्यों यूरिया के लिए किसानों की लंबी लंबी लाइनें लग रही है? पुलिसथानों से यूरिया क्यों बांटा जा रहा है? उन्होंने कहा कि यूरिया प्रबंधन को लेकर कमलनाथ सरकार समय पूर्व नही जागी। आज जब यूरिया के लिए किसान परेशान होकर सड़को पर उतर रहा है, तो प्रदेश सरकार दमनकारी नीति अपना कर डंडे से पिटवा रही और उन पर केस दर्ज करवा रही है। यूरिया वितरण को लेकर सरकार के दावे पूरी तरह फैल हुए है। 


जांच और मुक़दमे से दबने वाले नही भाजपा जनप्रतिनिधि


उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष सरकार की नीतियों और कार्यप्रणाली का विरोध धरना प्रदर्शन से करता है। लेकिन आपातकाल लगाने वाली कांग्रेस को सत्ता में हमेशा विरोध खलता है। राजनीतिक विद्वेष और पूर्वाग्रहों से ग्रसित यह सरकार जांच और मुकदमे के हथकंडे अपना रही है। झाबुआ सांसद श्री जीएस डामोर पर ईओडब्ल्यू जांच और किसानों की आवाज उठाने पर विधायक प्रदीप लारिया पर पुलिस केस दर्ज करना,कांग्रेस की कुंठा का प्रत्यक्ष उदारहण है।


कमलनाथ सरकार विधानसभा के भीतर और बाहर सरकार सिर्फ जनता की आवाज को दबाना चाहती है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि जनता की आवाज होता है, भाजपा का कोई भी जनप्रतिनिधि सरकार से डरने वाला नही है बल्कि दोगुनी ताकत के साथ सरकार के अत्याचार का मुखरता से जवाब देगा।