भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक ऐसा मामला सामने आया है जहाँ जाँच रिपोर्ट में डॉक्टर ने लड़के को लड़की बता दिया। मामला भोपाल के कोलार रोड ललिता नगर के रहने वाले राजेश रघुवंशी के एक साल के बेटे का है। जिसे भोपाल के मालवीय नगर स्थित सुमी डायग्नोस्टिक सेंटर ने सोनोग्राफी रिपोर्ट में लड़कीयों यानि स्त्रीलिंग में पाये जाने वाले आंतरिक अंगो को लड़के के शरीर में बता दिया। इस मामले के उजागर होने के बाद सोनोग्राफी रिपोर्ट के आधार पर पीड़ित पक्ष ने सुमी डायग्नोस्टिक सेंटर को कानूनी नोटिस भेजा है।
दरआसल राजेश रघुवंशी के एक साल के बेटे शिवाय रघुवंशी को बुखार की शिकायत थी, जिसे बॉम्बे चिल्डिन हॉस्पीटल प्रोफेसर कालोनी में डॉ. राहुल अग्रवाल को दिखाया था जिन्होनें सुमी डायग्नोस्टीक सेंटर पर जाँच करवाने की सलाह दी थी। जिसके बाद राजेश रघुवंशी ने सुमी डायग्नोस्टिक सेंटर पर सोनोग्राफी करवाया जहाँ डॉ.सुमित उपरेटे ने जांच रिपोर्ट दी जिसमें बच्चे की सोनोग्राफी रिपोर्ट में अंडाशय और गर्भाशय होने की रिपोर्ट दी गई। जिसे राजेश रघुवंशी डॉ.राहुल अग्रवाल को बताया तो उन्होनें हॉस्पीटल में भर्ती होने की सलाह दी। पैसे की व्यवस्था करने जब राजेश रघुवंशी अपने घर गए और बेटे को हॉस्पीटल में भर्ती करवाने की बात अपनी पत्नी को बताई तो बायोलॉजी से स्नातक उनकी पत्नी ने रिपोर्ट देखी और बताया कि जो रिपोर्ट सुमी डायग्नोस्टिक सेंटर से डॉ.सुमित उपरेटे ने दी है वह गलत जान पड़ती है क्योंकि अंडाशय और गर्भाशय लड़कीयों यानि स्त्रीलिंग में ही पाई जाती है।
जिसके बाद राजेश रघुवंशी और उनकी पत्नी सोनोग्राफी की रिपोर्ट देखकर मानसिक रूप से परेशान होते रहे और उन्होनें डॉ. राहुल अग्रवाल से बच्चे को भर्ती न करने की आपील की और दवाई देने का आग्रह किया जो कि डॉक्टर राहुल अग्रवाल ने मानते हुए दवाई दे दी। जिससे बच्चा तीन दिन में स्वास्थ्य हो गया। लेकिन इसी दौरान मानसिक पीड़ा से जोझ रहे राजेश रघुवंशी और उनकी पत्नी ने कई लोगों से इस बात को साझा किया जिन्होनें उनका मजाक भी बनाया। जिसके बाद राजेश रघुवंशी ने कानूनी सलाह लेकर सुमी डायग्नोस्टिक सेंटर और डॉक्टर सुमित उपरेटे को कानूनी नोटिस भेजा। लेकिन अपनी गलती मानने के वजाह पहली रिपोर्ट वापस कर सही रिपोर्ट बनाकर देने की बात उन्होनें की और यही नहीं राजेश रघुवंशी को लालच देकर 10 हजार रूपए की पेशकश की जिसे राजेश रघुवंशी ने ठुकरा दिया।
वही जब इस मामले को लेकर डॉक्टर सुमित उपरेटे से बात की गई तो उनका कहना था कि इस तरह की गलतीयाँ हो जाती है टॉयपिंग एरर था। गलती से कट पेस्ट हो गया था। जिसकी जानकारी पेसेंट को दी गई थी। यह पहला मामला नहीं है जिसमें ये हुआ हो और भी एक-दो पेसेंट थे जिनकी रिपोर्ट में भी गलत लिखा दिया गया था। जिन्हें पुरानी रिपोर्ट लेकर नई रिपोर्ट दे दी गई है। मैनें रिपोर्ट नॉर्मल दी थी।
लेकिन सवाल यहाँ यह उठता है कि सुमी डायग्नोस्टिक सेंटर और बॉम्बे हॉस्पीटल के चिकित्सक डॉ.राहुल अग्रवाल की मिली भगत से यह गोरखधंधा तो नहीं चल रहा है, जिसमें गलत रिपोर्ट देकर हॉस्पीटल में भर्ती करवाने और मोटी रकम मरीज से एठने की मंशा हो। वही सुमी डायग्नोस्टिक सेंटर से गलत रिपोर्ट देने के बाद अगर मरीज का उस रिपोर्ट के आधार पर इलाज चलने लगे और मरीज को शारीरिक क्षति पहुँचे या गलत इलाज होने लगे तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। वही राजेश रघुवंशी ने इस पूरे मामले की शिकायत स्वास्थ्य मंत्री और सीएमएचओ को करने की बात कही है। साथ ही वकील द्वारा सुमी डायग्नोस्टिक सेंटर को कानूनी नोटिस भी भेजा है।