भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित रेड क्रास सोसायटी इन दिनों अपने सेवा भाव के सिद्धांत को छोड़कर राजनीति का गढ़ बन गया है। यहाँ पिछले दो साल से स्थाई महा सचिव कि नियुक्ति न होना और बार-बार राज भवन के निर्देश की अवहेलना यह साफ करता है, कि नए अध्यक्ष आशुतोष पुरोहित की नियुक्ति के बाद यहाँ सब ठीक नहीं चल रहा। राजभवन ने रेड क्रास सोसायटी की राज्य शाखा के अध्यक्ष अशुतोष पुरोहित को 09 बिंदुओं का एक पत्र लिखकर उनसे जवाब तलब किया था। इस पत्र में उठाए गए बिंदुओं पर बताया जाता है कि आज तक रेड क्रास राज्य शाखा की तरफ से कोई भी जवाब नहीं गया है। जबकि लगातार राजभवन की अवहेलना के चलते उन्हें तत्कालीन राज्यपाल आनंदी बेन ने पद से हटा दिया था। इसके बावजूद भी अध्यक्ष अशुतोष पुरोहित के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है बल्कि कार्यकारणी सदस्यों में उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाली उपमा राय को शामिल कर लिया ताकि उनकी कुर्सी सुरक्षित रह सके।
रेड क्रास सोसायटी के अध्यक्ष पद पर काबिज अशुतोष पुरोहित अपने आप को पूर्व मंत्री मुकेश नायक का दाहिना हाथ बताते है। पूर्व मंत्री मुकेश नायक रेड क्रास सोसायटी के अध्यक्ष भी रहे है। उनके कार्यकाल में रेड क्रास सोसायटी ने नई ऊँचाईयां छुई थी। सूत्रों की माने तो वर्तमान अध्यक्ष आशुतोष पुरोहित ने रेड क्रास जैसी सामाजिक संस्था को बर्बादी की कगार पर ले जा रहे है। राजनीतिक रसूख का उपयोग कर उन्होनें स्थाई महासचिव न रखकर अपनी सुविधानुसार अस्थाई महासचिव प्रर्थना जोशी को रखा था। बताया जा रहा है कि जिन्हें छह माह पूरे होने पर नियम के अनुसार हटा दिया गया है।
महासचिव की स्थाई नियुक्ति को लेकर नियम कहते है कि अध्यक्ष बनने और कार्यकारणी गठन के बाद महासचिव की स्थाई नियुक्ति होना चाहिए, लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी स्थाई सचिव की नियुक्ति न कर अध्यक्ष अशुतोष पुरोहित अपनी मनमानी करने में लगे है। सूत्रों की माने तो आशुतोष पुरोहित राजभवन के निर्देशों का पालन करना तो दूर वहाँ से होने वाले पत्र व्यवहार को भी रद्दी ढेर में डाल देते है। यही नहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दंत चिकित्सा विभाग (डेंटल क्लीनिक) को बिना टेंडर प्रक्रिया का पालन किए संचालन किया जा रहा है।
बताया जाता है कि रेड क्रास अस्पताल में चलने वाला डेंटल क्लीनिक आप्रत्यक्ष रूप से अस्थाई महासचिव रही प्रार्थना जोशी ही चला रही है। जिसकी समय अवधी दिसंबर 2019 में पूरी होने जा रही है। जिसको लेकर अध्यक्ष आशुतोष पुरोहित ने इसे बिना टेंडर एक बार फिर उन्हीं को दन्त चिकित्सा क्लिनिक संचालित करने देने का आश्वासन दिया है। रेड क्रास सोसायटी के बैंक खातों में गड़बड़ी के चलते भी राजभवन उनसे जवाब तलब कर चुका है।
कुल मिलाकर देखा जाए तो पूर्व मंत्री और उनके कार्यकर्ताओं के संरक्षण में चल रहे रेड क्रास सोसायटी में आने वाले दिनों में भारी भ्रष्ट्राचार के मामले सामने आ सकते है। यही नहीं राजभवन के आदेशों की अवहेलन के चलते बड़ी कार्यवाई का अंदेशा भी जताया जा रहा है। वही प्रश्न यह उठता है कि स्थाई महासचिव की नियुक्ति और डेंटल क्लीनिक के नाम पर हो रहे भारी लूट को लेकर राजभवन, अध्यक्ष आशुतोष पुरोहित पर राजभवन क्या कार्यवाही करती है या फिर राजनीतिक दवाब के चलते सेवा के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था में भ्रष्टाचार की जड़े और मजबूत होती है।